नई दिल्ली: भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 19 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 53.63 लाख यूनिट्स पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर की बढ़ती वैश्विक मांग और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को दर्शाता है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, FY 2023-24 में कुल निर्यात 45,00,494 यूनिट्स था, जो अब बढ़कर 53,63,089 यूनिट्स हो गया है।
कार और एसयूवी सेगमेंट में मारुति और हुंडई का दबदबा
यात्री वाहनों (Passenger Vehicles) का निर्यात 2023-24 के 6,72,105 यूनिट्स से बढ़कर 7,70,364 यूनिट्स तक पहुंच गया। इस सेगमेंट में मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया (HMIL) की अग्रणी भूमिका रही।
मारुति सुजुकी ने अपनी ऑफ-रोड एसयूवी जिम्नी का निर्यात जापान सहित कई देशों में शुरू किया है।
कंपनी की अन्य प्रमुख निर्यातित SUV फ्रॉन्क्स है, जिसे गुजरात के प्लांट से तैयार कर पिपावाव बंदरगाह से भेजा जाता है।
इसके प्रमुख निर्यात बाजारों में मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब और पेरू शामिल हैं।
हुंडई ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,58,686 वाहनों का निर्यात किया, जिनमें i10 और वरना जैसे मॉडल प्रमुख रहे।
अब तक कंपनी i10 की 1.5 मिलियन यूनिट्स और वरना की 5 लाख यूनिट्स का निर्यात कर चुकी है।
दोपहिया और तिपहिया वाहनों में भी उछाल
बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर और होंडा जैसे ब्रांड्स की अगुवाई में दोपहिया वाहन निर्यात 21% की बढ़ोतरी के साथ 41,98,403 यूनिट्स तक पहुंच गया।
(FY 2023-24 में यह आंकड़ा 34,58,416 यूनिट्स था।)
तिपहिया वाहनों का निर्यात भी 2% की वृद्धि के साथ 3,10,000 यूनिट्स रहा।
वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में 23% की छलांग
वाणिज्यिक वाहन (Commercial Vehicles) निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई:
FY 2023-24 में 65,818 यूनिट्स की तुलना में, FY 2024-25 में 80,986 यूनिट्स का निर्यात दर्ज किया गया – जो 23% की वृद्धि है।
भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर वैश्विक मंच पर लगातार मजबूती से उभर रहा है। FY 2024-25 का निर्यात आंकड़ा अब तक का सर्वश्रेष्ठ वार्षिक प्रदर्शन रहा, जो भारतीय निर्मित वाहनों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार बनी रही, तो भारत जल्द ही वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्यात हब बन सकता है।