नई दिल्ली, 21 जून 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को पूरे देश में योग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा योग के महत्व पर लिखे गए एक लेख की सराहना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल इस लेख की प्रशंसा की, बल्कि देशवासियों से इसे जरूर पढ़ने की अपील भी की। उन्होंने लिखा,
“केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा जी ने यह रेखांकित किया है कि योग को महिला और बाल कल्याण की नीतियों में समाहित कर, देश के हर कोने में स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को कैसे बेहतर बनाया जा रहा है, जरूर पढ़ें।”
योग बना स्वास्थ्य और सशक्तिकरण का माध्यम
अपने लेख में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि योग अब केवल एक प्राचीन परंपरा नहीं रह गया है, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है, जो विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य और सशक्तिकरण का माध्यम बन रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय किस तरह योग को अपनी नीतियों में शामिल कर रहा है ताकि जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें।
उन्होंने लिखा,
“योग सिर्फ एक प्राचीन परंपरा नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है, जो भारत को स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ा रहा है, खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए।”
योग दिवस की थीम: एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम रही ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’। यह थीम मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करती है और बताती है कि किस प्रकार योग के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़कर वैश्विक स्वास्थ्य और शांति की दिशा में काम किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की ऐतिहासिक पहल
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखा था। रिकॉर्ड समय में 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसके बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी अपने प्रस्ताव में माना था कि योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाता है और स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।