नई दिल्ली, 27 मार्च 2025 – भारतीय सेना की परिचालन तत्परता और तोपखाना क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से, रक्षा मंत्रालय ने 155 मिमी/52 कैलिबर एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) और हाई मोबिलिटी व्हीकल 6×6 गन टोइंग व्हीकल्स की आपूर्ति के लिए 6,900 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह अनुबंध भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड के साथ किया गया है, जो देश के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने और मेक-इन-इंडिया पहल को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
साउथ ब्लॉक में रक्षा सचिव की उपस्थिति में हुआ समझौता
यह ऐतिहासिक समझौता 26 मार्च 2025 को नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में किया गया। इस अनुबंध के साथ, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक रक्षा मंत्रालय द्वारा पूंजीगत खरीद के लिए कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
इस मौके पर, डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे के ATAGS परियोजना निदेशक को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए रक्षा सचिव द्वारा सम्मानित किया गया।
ATAGS से भारतीय सेना की मारक क्षमता को मिलेगा नया आयाम
155 मिमी/52 कैलिबर ATAGS तोप प्रणाली भारतीय सेना की पुरानी और छोटी कैलिबर वाली तोपों की जगह लेगी। यह तोपखाना क्षमताओं को सटीक, लंबी दूरी और अधिक प्रभावी हमलों के लिए उन्नत बनाएगी।
ATAGS की उन्नत मारक क्षमता और स्वदेशी तकनीक सेना को सटीक और प्रभावी रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगी। यह तोपखाना आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय सेना की युद्ध तत्परता और परिचालन क्षमता को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ाएगा।
स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा
यह परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा सेना के लिए पहली बड़ी टोड गन खरीद है, जिससे स्वदेशी तोप निर्माण उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के तहत रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्वदेशी रक्षा अनुबंध से भारतीय उद्योगों को वैश्विक मानकों के सैन्य उपकरण विकसित करने की प्रेरणा मिलेगी और भारत के रणनीतिक रक्षा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।