भारतीय सेना ने पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
नई दिल्ली, 21 जून 2025: 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने देश के हर हिस्से में पूरे जोश और उत्साह के साथ योग दिवस मनाया। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” रही। सबसे विशेष आयोजन दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में हुआ, जहां जवानों, पूर्व सैनिकों, उनके परिजनों और बच्चों ने एक साथ योगाभ्यास कर एकता और अनुशासन का संदेश दिया।
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर लिखा, “सियाचिन से लेकर देश के हर क्षेत्र और मौसम में हमने योग को अपनाया। यह दिवस सिर्फ अभ्यास का नहीं, बल्कि जीवनशैली में योग को शामिल करने का प्रतीक है।”
रक्षा मंत्री ने किया सैनिकों संग योग
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान के 2,500 जवानों के साथ योग सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा, “योग केवल स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मानसिक स्पष्टता और अनुशासन बढ़ाने का एक रणनीतिक अभ्यास है, जो अभियानों जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी उपयोगी सिद्ध हुआ है।” साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने योग को वैश्विक पहचान दिलाई।
हाई एल्टिट्यूड और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी योग
लेह के पास पेंगोंग झील के किनारे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने 14,100 से 14,200 फीट की ऊंचाई पर योगाभ्यास किया। अरुणाचल प्रदेश के दिरांग में 12,000 फीट से ऊपर ITBP की 4वीं कोर ने योग सत्र के साथ सफाई अभियान भी चलाया।
पूर्वी समुद्री क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक बल ने विशाखापत्तनम और ICGS रानी अब्बक्का पोत पर योग सत्र आयोजित किए। विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए भव्य योग कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना के जहाज तट पर तैनात रहे। इस आयोजन में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा,
“मैं दुनिया के सभी देशों से अपील करता हूं कि वे योग को केवल व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास न मानें, बल्कि इसे मानवता की एकजुटता का माध्यम बनाएं। योग आंतरिक शांति को वैश्विक नीति का हिस्सा बना सकता है।”
सीमावर्ती गांवों में भी दिखा योग उत्सव
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बालनोई बटालियन ने सीमावर्ती गांवों बालनोई, दाद सगरा और मानकोट के निवासियों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ चौधरी ने इसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद का सबसे बड़ा आयोजन बताया, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता मोइन आफताब खान ने कहा कि सेना का यह प्रयास गांवों को जोड़ने और योग को जन-जन तक पहुंचाने में अहम साबित हो रहा है।
रक्षा मंत्री ने सेना की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा,
“आपका साहस पूरे देश में सराहा जाता है। आज के समय में योग तनाव और बेचैनी से लड़ने का एक शक्तिशाली समाधान बन चुका है।”