कांगड़ा/नई दिल्ली, 12 मई 2025 — जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से लोहा लेते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर निवासी शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार के बलिदान को लेकर देशभर में शोक और गर्व का वातावरण है। इस अवसर पर एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य और प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने एक संयुक्त बयान जारी कर केंद्र व हिमाचल सरकार से शहीद के परिवार को विशेष सहायता देने की माँग की है।
वीरेश शांडिल्य ने कहा कि शहीद पवन कुमार ने देश के लिए जो सर्वोच्च बलिदान दिया है, वह राष्ट्र की धरोहर हैं और उनका परिवार राष्ट्र का गौरव है। उन्होंने सरकार से बिना किसी औपचारिकता के शहीद के परिवार को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता, एक पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी, तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की माँग की। साथ ही, उन्होंने हिमाचल सरकार से शहीदों के लिए स्थायी कानून बनाने की भी अपील की, जिससे प्रत्येक शहीद परिवार को स्वतः सहायता मिले।
शांडिल्य और अग्रवाल ने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह शहीदों के परिवारों को पूर्ण सम्मान और सुरक्षा प्रदान करे। शांडिल्य ने घोषणा की कि एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया जल्द ही शहीद पवन कुमार के परिजनों को ‘ब्रेव फैमिली अवॉर्ड’ से सम्मानित करेगा।
इस दौरान वीरेश शांडिल्य ने भारत सरकार से अपील की कि भारत-पाकिस्तान के बीच 12 मई को प्रस्तावित DGMO स्तर की वार्ता में भारत की पहली शर्त यह होनी चाहिए कि पहलगाम में 28 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकियों को पाकिस्तान जिंदा या मुर्दा भारत को सौंपे। उन्होंने कहा कि जब तक इन दरिंदों के कटे हुए सिर देश नहीं देखता, तब तक भारत का हृदय शांत नहीं होगा।
शांडिल्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाने की माँग करते हुए कहा कि भारत-पाक वार्ता में अमेरिका के हस्तक्षेप के बावजूद भारत को कठोर संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे पाकिस्तान ने हाफिज सईद और मसूद अज़हर को पनाह दी, वैसे ही अब वह पहलगाम हमले के दोषियों को भी पनाह देगा, इसलिए भारत को इस पर दो टूक और स्पष्ट वार्ता करनी चाहिए।
शांडिल्य ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को पत्र भी भेजा है, जिसमें कड़ी कार्रवाई की माँग की गई है।
भारत माता की जय। शहीद पवन कुमार अमर रहें।