नई दिल्ली – दिल्ली में वक्फ बोर्ड ने छह मंदिरों पर दावा ठोकते हुए विवाद को और बढ़ा दिया है। वक्फ बोर्ड का आरोप है कि ये स्थल ऐतिहासिक मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों पर स्थित हैं और उन्हें वापस लिया जाना चाहिए।यह दावा हाल ही में अल्पसंख्यक आयोग की 2019 में आई रिपोर्ट के आधार पर किया गया है, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के कई मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने हुए हैं।
इन मंदिरों में प्रमुख रूप से जनकपुरी, शाहदरा, और विजय नगर के मंदिर शामिल हैं। वक्फ बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह संपत्तियां पहले मुस्लिम धार्मिक स्थलों की थीं और ऐतिहासिक दस्तावेजों के आधार पर उनका दावा किया गया है।
इस मुद्दे ने राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। हिंदू संगठनों ने इस दावे को चुनौती देते हुए इसे “धार्मिक आस्था पर हमला” करार दिया है। वहीं, कुछ राजनीतिक दल इस विवाद में अपनी रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकार ने इस मामले पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा। स्थानीय नागरिकों में इस मामले को लेकर चिंता और आशंका का माहौल है, क्योंकि इससे धार्मिक सौहार्द पर असर पड़ सकता है।
यह स्थिति दर्शाती है कि धार्मिक स्थलों के स्वामित्व को लेकर विवाद अब भी जारी है, और इसके समाधान के लिए एक ठोस कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।