नई दिल्ली, 26 मार्च 2025 – भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित वर्टिकली-लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल प्रणाली भारतीय नौसेना की ताकत और रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी।
सटीक निशाना और युद्धक क्षमता का प्रदर्शन
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण दोपहर 12 बजे किया गया और मिसाइल ने उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को पूरी सटीकता से नष्ट कर दिया। परीक्षण के दौरान, सभी हथियार प्रणालियों को युद्धक कॉन्फ़िगरेशन में तैनात किया गया था, जिसमें स्वदेशी रेडियो फ्रिक्वेंसी सीकर, मल्टी-फंक्शन रडार और वेपंस कंट्रोल सिस्टम शामिल थे।
मंत्रालय ने बताया कि इस परीक्षण ने मिसाइल की विश्वसनीयता और परिचालन क्षमता को साबित किया है। परीक्षण को आईटीआर चांदीपुर द्वारा विकसित विभिन्न रेंज उपकरणों द्वारा सत्यापित किया गया।
भारतीय नौसेना को मिलेगी नई ताकत
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह परीक्षण मिसाइल की निम्न ऊंचाई और निकट सीमा पर हमलों को निष्क्रिय करने की क्षमता को दर्शाता है। यह मिसाइल प्रणाली भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को हवा से होने वाले खतरों से बचाने में सक्षम होगी, जिससे उनकी सतही युद्धक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
रक्षा मंत्री और डीआरडीओ प्रमुख ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और रक्षा उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल प्रणाली भारत की स्वदेशी रक्षा अनुसंधान और विकास क्षमता का प्रमाण है और देश की रक्षा सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस मिशन से जुड़ी सभी टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल उन्नत तकनीकों से लैस है और सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली प्रदान करेगी।
भारत की रक्षा तकनीक में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि
स्वदेशी VL-SRSAM मिसाइल का यह सफल परीक्षण आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण है। यह प्रणाली आने वाले वर्षों में भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाएगी।