नई दिल्ली, 10 जून — भारत ने मंगलवार को अपनी सबसे आधुनिक और अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली ‘गांडीव’ का अनावरण कर दुनिया को चौंका दिया। यह मिसाइल न केवल भारत की रक्षा शक्ति को कई गुना बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर देश को हाइपरसोनिक तकनीक से लैस गिने-चुने देशों की कतार में खड़ा कर देगी।
गांडीव मिसाइल, महाभारत के महान योद्धा अर्जुन के दिव्य धनुष के नाम पर आधारित है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से सात गुना (माच 7) अधिक रफ्तार से लक्ष्य पर सटीक वार कर सकती है। इसमें उन्नत स्टील्थ तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित मार्गदर्शन प्रणाली, और ड्यूल-प्रोपल्शन इंजन लगाए गए हैं, जिससे यह अत्यंत तेज, सटीक और दुश्मन की सुरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है।
DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने हैदराबाद में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया,
“गांडीव मिसाइल का विकास भारत की रक्षा स्वायत्तता और तकनीकी क्षमता की बड़ी छलांग है। यह सिस्टम अगली पीढ़ी के युद्ध की परिकल्पना को साकार करेगा।”
सूत्रों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में इस मिसाइल के कई गुप्त परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं। इसकी अनुमानित मारक क्षमता 1,500 किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है और यह इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के खिलाफ भी पूरी तरह सक्षम है।
इस विकास के साथ ही भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत उन्नत सैन्य तकनीक में तेज़ी से आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन को नया आयाम दे सकती है।
गांडीव मिसाइल को जल्द ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने की संभावना है और इसे आने वाले वर्षों में भारत की युद्ध रणनीति की रीढ़ माना जा रहा है।