दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया, जिसे उन्होंने ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। उन्होंने कहा, “यह कोई साधारण बजट नहीं है, बल्कि जनता के ऐतिहासिक जनादेश के साथ चुनी गई सरकार का पहला बजट है। पूरा देश देख रहा है कि यह सरकार अपने पहले बजट में क्या कदम उठाती है।”
पिछली सरकार की नाकामियों पर निशाना
बजट पेश करते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा, “यह बजट पिछले साल की तुलना में 31.5 प्रतिशत ज्यादा है। पहले साल दर साल बजट बढ़ने की बजाय घटा था, जीडीपी की दर कम रही, और प्रति व्यक्ति आय देश की तुलना में धीमी गति से बढ़ी।”
उन्होंने बताया कि 2023 में दिल्ली का बजट 78,800 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में घटकर 76,000 करोड़ रुपये रह गया। उन्होंने इसे दिल्ली की अब तक की सबसे खराब आर्थिक स्थिति बताया और जोर दिया कि इस बार का बजट 1 लाख करोड़ रुपये का होगा, जो राजधानी के आर्थिक उत्थान के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
‘यह केवल सरकारी खर्चों का विवरण नहीं, बल्कि बदलाव की नींव’
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह बजट केवल सरकारी खर्चों का विवरण भर नहीं है, बल्कि दिल्ली को ‘विकसित दिल्ली’ की ओर ले जाने का रोडमैप है। उन्होंने इसे गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य के संगम के रूप में प्रस्तुत किया।
शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और बुनियादी ढांचे को नया आयाम
उन्होंने कहा कि यह बजट न केवल दिल्ली के समग्र विकास को नई दिशा देगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और बुनियादी ढांचे को भी नया आयाम प्रदान करेगा। इस बजट से हर क्षेत्र में प्रगति की संभावनाएं बढ़ेंगी।
पीएम मोदी के विजन का जिक्र
सीएम रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के संकल्प को याद किया। साथ ही, उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर, महात्मा गांधी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के सिद्धांतों का भी उल्लेख किया।
‘पिछली सरकार ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया’
आप सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 10 वर्षों में दिल्ली विकास के हर पहलू में पिछड़ती चली गई।” उन्होंने जल आपूर्ति, परिवहन, प्रदूषण और सरकारी संस्थानों की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड, डीटीसी और कई अन्य सरकारी संस्थान घाटे में चल रहे हैं। उन्होंने इसे नई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बताया।
‘27 साल बाद भाजपा सरकार ने पेश किया दिल्ली का बजट’
बजट से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा 27 साल बाद दिल्ली का बजट पेश कर रही है। जिस तरह भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, उसी तरह हम 27 साल बाद लौट रहे हैं।”
बजट पर होगी विस्तार से चर्चा
दिल्ली सरकार 26 साल बाद बजट 2025-26 पेश कर रही है। इस पर 26 मार्च को विस्तार से चर्चा होगी, जहां सभी विधायक सरकार की योजनाओं और नीतियों पर अपनी राय व्यक्त करेंगे।
27 मार्च को विधानसभा में बजट पर बहस के बाद वोटिंग होगी। मुख्यमंत्री लगातार कहती रही हैं कि ‘विकसित दिल्ली’ का बजट लोगों का बजट है। दिल्ली सरकार को ईमेल और वॉट्सएप के जरिए बजट पर जनता से 10,000 से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली का 1 लाख करोड़ रुपये का बजट ऐतिहासिक होने के साथ-साथ राजधानी के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और आधारभूत संरचना में सुधार की दिशा में उठाए गए कदम दिल्ली को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का प्रयास करेंगे। अब देखना यह होगा कि बजट पर बहस के बाद इसे किस तरह लागू किया जाएगा और जनता को इससे कितना लाभ मिलेगा।