• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Monday, May 12, 2025
No Result
View All Result
  • Login
  • Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
    • Home – Layout 4
    • Home – Layout 5
    • Home – Layout 6
  • Article
  • Haryana
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Uttarakhand
  • Education
  • Sports
  • Health
  • World
  • Agriculture
  • Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
    • Home – Layout 4
    • Home – Layout 5
    • Home – Layout 6
  • Article
  • Haryana
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Uttarakhand
  • Education
  • Sports
  • Health
  • World
  • Agriculture
No Result
View All Result
TheIndiaPost
No Result
View All Result
Home Article

औपनिवेशिक मानसिकता का दिवालियापन

admin by admin
September 19, 2024
in Article
0
औपनिवेशिक मानसिकता का दिवालियापन

Prashant Pole

0
SHARES
199
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

प्रशांत पोळ : मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, श्री इंदर सिंह परमार जी ने विगत दिनों एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में, ‘भारत की खोज क्या वास्को डि गामा ने की?’ ऐसा प्रश्न पूछा। उनका आशय था, ‘भारत तो समुद्री परिवहन में हजारों वर्षों से आगे था। भारत अनेक देशों से व्यापार करता था। इसलिए, ‘वास्को डि गामा ने भारत की खोज की’ ऐसा कहना, यह इतिहास से की गई विडंबना है।’

इसको विस्तार से कहते हुए उन्होंने कहा कि ‘वास्को डि गामा जब भारत आया, तो उसको भारत का रास्ता दिखाया चंदन नाम के एक भारतीय व्यापारी ने’। उन्होंने इस संदर्भ में मेरी पुस्तक, ‘भारतीय ज्ञान का खजाना’ का भी संदर्भ दिया। उनके इस वक्तव्य पर, दैनिक भास्कर ने अपने वेब एडिशन में एक स्टोरी की। उस स्टोरी का शीर्षक है, ‘भारत की खोज क्या वास्को डि गामा ने नहीं की?’ विनय प्रकाश पांडे जी ने यह स्टोरी की है। हालांकि यह स्टोरी तीन दिन पुरानी है। मैने आज पढी। स्टोरी प्रकाशित होने के बाद कोई फोन मुझे नहीं आया। तो निश्चित रूप से इसको बहुत ज्यादा किसी ने पढ़ा नहीं होगा। किंतु यह डाक्यूमेंटेड है, इसलिए इसका खंडन (rebuttal) करना आवश्यक हैं।

READ ALSO

दुष्प्रचार के शिकार वीर सावरकर

What Are Rare Earth Elements and Why Has the U.S. Banned Them from China?

इसमें से दो-तीन बातें निकाल कर आती हैं। पहली बात, दैनिक भास्कर की स्टोरी यह पूर्णतः औपनिवेशिक मानसिकता (colonised mind) का एक उदाहरण है। अभी भी हम में से कईयों के दिमाग में यह रच बस गया है कि भारत का अतीत तो कुछ था ही नही। हमें जो कुछ सिखाया – पढ़ाया, वह सब यूरोपियन लोगों ने ही किया। और इसीलिए ‘भारत की खोज वास्को डि गामा ने की’ यह पाठ्य पुस्तकों मे हमे पढ़ाया गया।

दूसरी बात – इस स्टोरी के संदर्भ में दैनिक भास्कर ने वास्को डि गामा के जिस डायरी का संदर्भ दिया है, यह संदर्भ सर्वप्रथम पद्मश्री हरिभाऊ वाकणकर जी ने दिया था, जब वह लंदन में गए थे। वहां के संग्रहालय में उनको, वास्को डि गामा के प्रवास से संबंधित, अंग्रेजी में अनुवादित की गई, एक डायरी मिली। उसके आधार पर उन्होंने लिखा कि ‘वास्को डि गामा को भारत की दिशा और भारत का रास्ता बताया, एक भारतीय व्यापारी ने’। दैनिक भास्कर की स्टोरी में, उस डायरी को पूरी ना पढ़ते हुए, दो-चार इधर-उधर के संदर्भ लिखते हुए, यह बताने की चेष्टा की गई है कि वह भारतीय व्यापारी तो था ही नहीं। वास्को डि गामा ने स्वतः ही भारत को ढूंढ निकाला। हां, किसी ख्रिश्चन ने उनको भारत का रास्ता दिखाने मे मदद की। यह अत्यंत गलत है। अगर हम डायरी ठीक से पढ़े तो उस डायरी में ही अत्यंत स्पष्टता के साथ लिखा है कि, अफ्रीका खंड में प्रवेश करते ही साथ वास्को डि गामा और उसके जहाज के सभी लोग, बड़े बेसब्री से (desperately) किसी न किसी व्यक्ति को चाहते थे, जो उन्हें भारत तक का रास्ता दिखाएं। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग देशों से, जहां-जहां वह रुके, वहां लोगों का अपहरण किया, कि उन्हे रास्ता दिखाएं। मोझंबीक के राजा ने उनका बड़ा आदर सत्कार किया। लेकिन फिर भी आखिरी दिन, वास्को डी गामा ने, मोझंबीक के ही एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया, ताकि वह उन्हे भारत तक का रास्ता दिखाएं।

डायरी यह भी वर्णन है कि, आगे जाकर उनको एक भारतीय व्यापारी, जो गुजरात का है, (उसका नाम भी उन्होंने दिया है) उस व्यापारी ने उनको भारत का रास्ता दिखाया। रविवार, 22 अप्रैल का डायरी का पृष्ठ अगर हम देख ले, तो उसमें यह सब उल्लेख है। इसलिए, अगर दैनिक भास्कर, माननीय मंत्री जी को झूठा साबित करना चाहता है, तो वह गलत बातों का आधार देकर गलती कर रहा हैं। एक औपनिवेशिक मानसिकता के आधार पर इस प्रकार की स्टोरी प्लांट की जा रही है। (मैने डायरी के पृष्ठों के फोटो, इस पोस्ट के साथ दिये हैं)।

लेकिन यह मूल मुद्दा नहीं है कि वास्को डि गामा को भारत का रास्ता दिखाने वाले व्यक्ति का नाम क्या था। मूल मुद्दा यह है कि वास्को डि गामा के पहले भी भारतीय लोगों ने, विश्व के अनेक देशों में, लॅटिन अमेरिका तक, सबसे पहले अपने कदम रखे हैं। भारतीय नाविक, भारतीय कप्तान वहां तक गए हैं। उन्होंने व्यापार किया है। प्रोफेसर अंगस मेडिसिन ने जो अपने पुस्तकों में आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार पहली शताब्दी में, पूरे विश्व के व्यापार का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा भारत के पास था। ईसा के पहले के आंकड़े उनके पास नहीं है, अन्यथा हमारा व्यापार बहुत बड़ा था। और उसके लिए अलग-अलग इतिहासकारों ने, (उस समय के वह सारे इतिहासकार यूरोपीय है) यह लिखकर रखा है कि, भारत का व्यापार किस प्रकार का था। ईसा से दो सौ वर्ष पहले का स्ट्रोबो नाम का इतिहासकार है। उसने सारा लिखकर रखा है। अनेक जहाजों के नाम तक दिए गए हैं, जो युरोप मे व्यापार करने जाते थे। एक जहाज में कितना माल जाता था, वह भी दिया गया है। भारत को कितना पैसा मिलता था, यह भी दिया गया है। मजेदार बात, उस समय रोमन साम्राज्य बहुत बड़ा माना जाता था। लेकिन उस रोमन साम्राज्य के साथ भारत का जो व्यापार था, उस व्यापार से भारत इतना ज्यादा कमाता था की रोमन साम्राज्य से भी कई गुना वैभव हमारे देश में था। रोमन साम्राज्य (प्रमुखता से आज का इटली) के सोने के सिक्के पूरे विश्व में मिले हैं। महत्व की बात, इटली के बाद सबसे ज्यादा सिक्के यह भारत में मिले हैं। अकेले दक्षिण भारत में रोमन साम्राज्य के सोने के 6000 सिक्के मिले हैं।

वास्को डि गामा की डायरी में यह उल्लेख है कि, ‘भारतीय लोग मरीन कंपास का प्रयोग करते थे।’ युरोप ने मरीन कंपास की खोज बहुत बाद मे की है। लेकिन हमारे यहां कुछ हजार वर्ष पहले से मरीन कंपास का उपयोग होता आया है। उसको ‘मच्छ यंत्र’ कहते थे। आज भी संग्रहालयों में, पुराने जहाजों में मिले हुए मच्छ यंत्र सुरक्षित रखे गए हैं। और सिर्फ मरीन कंपास ही नहीं, तो जहाज को ठीक दिशा में रखने के लिए जो सेक्सटेंट इक्विपमेंट का उपयोग होता हैं, हम उसका भी हजारों वर्षों से उपयोग कर रहे हैं। उसे हमारे पूर्वज, ‘वृत्तशंख भाग’ कहते थे। आज भी संग्रहालयों में पुराने ‘वृत्तशंख भाग’, अर्थात सेक्सटेंट, उपलब्ध है। वास्को डि गामा की डायरी यह भी कहती है कि, जब वास्को डि गामा मरीन कंपास लेकर पुर्तगाल गया, तो वहां के लोगों ने उसका विरोध किया। लेकिन जहाज के सारे लोगों के मानते थे, की ‘यह अत्यंत उपयोगी है। इतना अच्छा और अचूक उपकरण हमारे पास नहीं है’।

यह सारी बातें, इस बात की और इंगित करती है कि हम सबको अत्यंत गलत इतिहास आज तक पढ़ाया गया। और उस इतिहास को अगर कोई ठीक करना चाहता है या ठीक से, सत्य इतिहास लिखना चाहता है, तो ऐसे मंत्रियों पर, ऐसे किसी भी अधिकारी पर, यह सारे, जो यूरोपियन मानसिकता को लेकर बैठे हैं, पश्चिम की मानसिकता को लेकर बैठे हैं, औपनिवेशिक मानसिकता को लेकर बैठे हैं, यह सारे लोग उनका विरोध करेंगे। इसलिए हमें फिर से यह कहना चाहिए की भारत के पास अत्याधुनिक तकनीक थी। ‘भारत की खोज वास्को डि गामाने की’ इस प्रकार के दुर्भाग्यपूर्ण और गलत संदेश हमारे विद्यार्थियों को ना दें। अगर कोई मंत्री जी इसको ठीक करना चाहते हैं, तो उनके खिलाफ इस प्रकार की गलत स्टोरी प्लांट करना यह पत्रकारिता पर एक धब्बा है।

इस स्टोरी में मेरे उपर भी आक्षेप लगाया गया हैं, की मैं एक अभियंता होकर भी इतिहास पर लिखता हूं। मेरी खुली चुनौती हैं, की मेरी लिखी किसी भी पुस्तक मे, मैने यदी गलत लिखा हैं, तो उसे बताएं। साबित करे। मैं हमेशा ही सप्रमाण लिखता हूं।

कुल मिलाकर, अंग्रेजी मानसिकता से हम बाहर आए, औपनिवेशिक चश्मा निकाल फेके। खुले मन से, असली इतिहास को पढे। बस इतनाही..!

#PrashantPole

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X

Like this:

Like Loading...
Tags: Prashant Pole

Related Posts

दुष्प्रचार के शिकार वीर सावरकर
Article

दुष्प्रचार के शिकार वीर सावरकर

May 1, 2025
What Are Rare Earth Elements and Why Has the U.S. Banned Them from China?
Article

What Are Rare Earth Elements and Why Has the U.S. Banned Them from China?

April 15, 2025
The Evolution of Digital Leadership: Navigating the Future with Ethics and Innovation
Article

The Evolution of Digital Leadership: Navigating the Future with Ethics and Innovation

April 2, 2025
होलिका पर भद्रा का साया, होलिका दहन की पवित्र अग्नि में डालें ये चीजें, नोट करें पूजा मुहूर्त और मंत्र
Article

होलिका पर भद्रा का साया, होलिका दहन की पवित्र अग्नि में डालें ये चीजें, नोट करें पूजा मुहूर्त और मंत्र

March 13, 2025
राजा पोरस और सिकंदर का ऐतिहासिक युद्ध: कौन था असली विजेता?
Article

राजा पोरस और सिकंदर का ऐतिहासिक युद्ध: कौन था असली विजेता?

March 12, 2025
प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था / 2
Article

प्राचीन भारतीय न्याय व्यवस्था / 2

March 3, 2025
  • Trending
  • Comments
  • Latest
Prof. Gurvinder Pal Thami Appointed Medical Superintendent of Govt. Medical College & Hospital, Sector-32, Chandigarh

Prof. Gurvinder Pal Thami Appointed Medical Superintendent of Govt. Medical College & Hospital, Sector-32, Chandigarh

December 12, 2024
“पौधों की बीमारियों के खिलाफ प्रकृति की ढाल को सशक्त बनाना – ट्राइकोडर्मा को बढ़ाने का (बहुगुणन) सबसे आसान तरीका जानें”

“पौधों की बीमारियों के खिलाफ प्रकृति की ढाल को सशक्त बनाना – ट्राइकोडर्मा को बढ़ाने का (बहुगुणन) सबसे आसान तरीका जानें”

December 6, 2024
SAD Delegation Highlights Legal Hurdles in Implementing Seven-Member Committee Directive

SAD Delegation Highlights Legal Hurdles in Implementing Seven-Member Committee Directive

January 9, 2025
वीर बाल दिवस पर शिप्रा बंसल ने बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया

वीर बाल दिवस पर शिप्रा बंसल ने बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया

December 27, 2024
Donald Trump says he will meet with Indian Prime Minister Narendra Modi

Donald Trump says he will meet with Indian Prime Minister Narendra Modi

0
University of Melbourne has opened a centre in Delhi

University of Melbourne has opened a centre in Delhi

0
लेबनान में एक साथ एक हजार से ज्यादा पेजर्स में हुआ धमाका

लेबनान में एक साथ एक हजार से ज्यादा पेजर्स में हुआ धमाका

0
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

0
BREAKING: India Launches ‘Operation Sindoor’ – Precision Strikes Hit Terror Camps in Pakistan and PoK

बड़ी खबर: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से हिली पाकिस्तान की नींव, बलूचिस्तान में गूंजा भारत का असर

May 12, 2025
बड़ी खबर: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, इंस्टाग्राम पोस्ट में भावुक विदाई संदेश

बड़ी खबर: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, इंस्टाग्राम पोस्ट में भावुक विदाई संदेश

May 12, 2025
शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार को लेकर देशभर में शोक और गर्व का माहौल, एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने सरकार से की विशेष सहायता की माँग

शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार को लेकर देशभर में शोक और गर्व का माहौल, एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने सरकार से की विशेष सहायता की माँग

May 12, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बड़ी सफलता: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को किया ढेर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बड़ी सफलता: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को किया ढेर

May 12, 2025

Recent News

BREAKING: India Launches ‘Operation Sindoor’ – Precision Strikes Hit Terror Camps in Pakistan and PoK

बड़ी खबर: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से हिली पाकिस्तान की नींव, बलूचिस्तान में गूंजा भारत का असर

May 12, 2025
बड़ी खबर: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, इंस्टाग्राम पोस्ट में भावुक विदाई संदेश

बड़ी खबर: विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, इंस्टाग्राम पोस्ट में भावुक विदाई संदेश

May 12, 2025
शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार को लेकर देशभर में शोक और गर्व का माहौल, एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने सरकार से की विशेष सहायता की माँग

शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार को लेकर देशभर में शोक और गर्व का माहौल, एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने सरकार से की विशेष सहायता की माँग

May 12, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बड़ी सफलता: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को किया ढेर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की बड़ी सफलता: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 100 से अधिक आतंकियों को किया ढेर

May 12, 2025
TheIndiaPost

© 2006 TheIndiaPost - Bharat Ki Awaz TheIndiaPost.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • Headline
  • Haryana
  • Health
  • Education
  • Article
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Agriculture

© 2006 TheIndiaPost - Bharat Ki Awaz TheIndiaPost.

%d