• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Thursday, July 17, 2025
No Result
View All Result
  • Login
  • Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
    • Home – Layout 4
    • Home – Layout 5
    • Home – Layout 6
  • Article
  • Haryana
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Uttarakhand
  • Education
  • Sports
  • Health
  • World
  • Agriculture
  • Home
    • Home – Layout 1
    • Home – Layout 2
    • Home – Layout 3
    • Home – Layout 4
    • Home – Layout 5
    • Home – Layout 6
  • Article
  • Haryana
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Uttarakhand
  • Education
  • Sports
  • Health
  • World
  • Agriculture
No Result
View All Result
TheIndiaPost
No Result
View All Result
Home Article

होलिका पर भद्रा का साया, होलिका दहन की पवित्र अग्नि में डालें ये चीजें, नोट करें पूजा मुहूर्त और मंत्र

admin by admin
March 13, 2025
in Article
0
होलिका पर भद्रा का साया, होलिका दहन की पवित्र अग्नि में डालें ये चीजें, नोट करें पूजा मुहूर्त और मंत्र
0
SHARES
528
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी, ज्योतिषाचार्य : हर साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन करने की परंपरा है इस साल होलिका दहन 13 मार्च दिन गुरुवार को किया जाएगा होलिका दहन पर भद्रा काल का साया भी रहने वाली है ज्योतिषचार्य पंडित सुधांशु तिवारी जी की मानें तो होलिका दहन पर पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा इसलिए होलिका दहन के लिए लोगों को बहुत कम समय ही मिलने वाला है आइए आपको होलिका दहन का मुहूर्त और कथा बताते हैं

13 मार्च को होलिका दहन
फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ – 13 मार्च, सुबह 10 बजकर 35 मिनट सेफाल्गुन पूणिमा समापन – 14 मार्च, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक13 मार्च को दिन और रात को पूर्णिमा तिथि होने की वजह से होलिका दहन इसी दिन किया जाएगा

READ ALSO

फिगर मेंटेन और लैविश लाइफ की बीमारी, सनातनी वंश एवं राष्ट्र दोनों के लिए घातक – दिव्य अग्रवाल

50 years of Emergency : Those dark days should never return

भद्रा का समय
भद्रा काल – 13 मार्च, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 11 बजकर 26 मिनट तक.भद्रा की पूंछ – शाम 6 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट सेभद्रा का मुख – रात 8 बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 22 मिनट तक13 मार्च को चंद्रमा सिंह राशि में संचार करेंगे, जिसकी वजह से भद्रा का साया मृत्यु लोक में रहेगा. शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा मृत्यु लोक में होती है, तब सबसे ज्यादा हानिकारक मानी जाती है. होलिका दहन पर भद्रा करीब 12 घंटे 51 मिनट तक रहेगी

होलिका दहन 2025 पूजा मुहूर्त
13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से दोपहर 3 बजे तक राहुकाल का समय रहेगा इसलिए इस अवधि में होली पूजन से बचें. शास्त्रों के अनुसार, राहुकाल में पूजन करना अशुभ माना गया है इसलिए होली पूजन का समय 10 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 29 मिनट तक रहेगा

होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त
13 मार्च को होलिका दहन वाले दिन होलिका दहन के लिए 1 घंटा 4 मिनट का समय मिलेगा. दरअसल रात 11 बजकर 26 मिनट तक भद्रा व्याप्त रहने की वजह से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा.होलिका दहन मुहूर्त – रात 11 बजकर 27 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक.

गर्भवती महिलाएं होलिका दहन से रहें दूर
गर्भवती महिलाओं को भी होलिका दहन की अग्नि नहीं देखनी चाहिए. ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. साथ ही यह भी कहा जाता है कि जिनकी केवल एक ही संतान है, उनको होलिका दहन की अग्नि नहीं जलानी चाहिए और होलिका दहन नहीं देखना चाहिए.

भद्रा में क्यों नहीं करते होलिका दहन?
हिंदू धर्म में भद्रा को अशुभ माना जाता है और भद्रा के दौरान किसी भी तरह के शुभ और मंगल कार्य नहीं करने चाहिए. पुराणों के अनुसार, भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है. वह क्रोधी स्वभाव की मानी जाती है. इसलिए भद्रा के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, भद्राकाल में होलिका दहन करना अनिष्टा का स्वागत करने के समान है. इसलिए होलिका दहन से पहले भद्रा और शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखना चाहिए.

होलिका दहन की पवित्र अग्नि में डालें ये चीजें

1-होलिका दहन की पवित्र अग्नि में सूखा नारियल डालना शुभ माना जाता है।
2-इसमें गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने अर्पित करें, ऐसा करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
3-धन लाभ के लिए होलिका दहन में चंदन की लकड़ी अर्पित करें।
कारोबार में लाभ और रोजगार के लिए होलिका दहन में पीली सरसों चढ़ाएं।
4-होलिका दहन में अक्षत और ताजे फूल भी जरूर अर्पित करें।
होलिका को साबुत मूंग की दाल, हल्दी के टुकड़े, और गाय के सूखे गोबर से बनी माला अर्पित करें।
5-अच्छे स्वास्थ्य के लिए होलिका दहन की पवित्र अग्नि में काले तिल के दाने अर्पित करने चाहिए।

होलिका पूजन मंत्र
होलिका के लिए मंत्र: ओम होलिकायै नम:
भक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र: ओम प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र: ओम नृसिंहाय नम:

होलिका दहन की पूजा विधि
सामग्री एकत्र करें: कच्चा सूत, अक्षत (चावल), गुड़, फूल, माला, रोली, गुलाल, हल्दी, जल से भरा लोटा, नारियल, बताशा, गेहूं की बालियां, गन्ना आदि.

होलिका स्थापना: एक स्वच्छ स्थान पर होलिका और प्रह्लाद की प्रतीकात्मक मूर्तियाँ स्थापित करें.
पूजन करें: होलिका का पूजन रोली, अक्षत, फूल, माला आदि से करें.
कच्चा सूत लपेटें: होलिका के चारों ओर कच्चा सूत को तीन या सात परिक्रमाओं में लपेटें.
अर्पण करें: नारियल, गेहूं की बालियां, गन्ना आदि को होलिका में अर्पित करें.
प्रार्थना करें: होलिका दहन से पूर्व प्रार्थना करें कि आपके जीवन से सभी नकारात्मकता और बाधाएँ समाप्त हों.
दहन करें: शुभ मुहूर्त में होलिका का दहन करें और परिक्रमा करते हुए लोकगीत गाएं.

होलिका दहन पौराणिक कथा

हिंदू पुराणों के अनुसार, हिरण्यकशिपु नाम का एक राजा, कई असुरों की तरह, अमर होने की कामना करता था. इस इच्छा को पूरा करने के लिए, उन्होंने ब्रह्मा जी से वरदान पाने के लिए कठोर तपस्या की. प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने हिरण्यकशिपु को वरदान स्वरूप उसकी पांच इच्छाओं को पूरा किया: कि वह ब्रह्मा द्वारा बनाए गए किसी भी प्राणी के हाथों नहीं मरेगा, कि वह दिन या रात, किसी भी हथियार से, पृथ्वी पर या आकाश में, अंदर या बाहर नष्ट नहीं होगा, पुरुषों या जानवरों, देवों या असुरों द्वारा नहीं मरेगा, वह अप्रतिम हो, कि उसके पास कभी न खत्म होने वाली शक्ति हो, और वह सारी सृष्टि का एकमात्र शासक हो.

वरदान प्राप्ति के बाद हिरण्यकशिपु ने अजेय महसूस किया. जिस किसी ने भी उसके वर्चस्व पर आपत्ति जताई, उसने उन सभी को दंडित किया और मार डाला. हिरण्यकशिपु का एक पुत्र था प्रह्लाद. प्रह्लाद ने अपने पिता को एक देवता के रूप में पूजने से इनकार कर दिया. उसने विष्णु में विश्वास करना और उनकी पूजा करना जारी रखा.

प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति आस्था ने हिरण्यकशिपु को क्रोधित कर दिया, और उसने प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रयास किए, जिनमें से सभी असफल रहे. इन्हीं प्रयासों में, एक बार, राजा हिरण्यकशिपु की बहन होलिका ने प्रह्लाद को मारने के लिए अपने भाई का साथ दिया. विष्णु पुराण के अनुसार, होलिका को ब्रह्माजी से वरदान में ऐसा वस्‍त्र मिला था जो कभी आग से जल नहीं सकता था. बस होलिका उसी वस्‍त्र को ओढ़कर प्रह्लाद को जलाने के लिए आग में आकर बैठ गई. जैसे ही प्रह्लाद ने भगवान विष्णु के नाम का जाप किया, होलिका का अग्निरोधक वस्त्र प्रह्लाद के ऊपर आ गया और वह बच गया, जबकि होलिका भस्म हो गई थी.

होलिका दहन के राख के उपाय

1- घर में सुख और शांति की कामना करते है, तो होलिका दहन की राख लेकर उसकी एक पोटली बनाएं। इसके बाद कोई शुभ मुहूर्त देखकर उसे घर के चारों कोनों में छिड़क देवें। यह बेहद कारगर उपाय बताया जाता है, जो परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम को बढ़ावा भी देता है।
2- घर में आने वाली अनजानी बाधाओं यानी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए, होलिका दहन की राख लेकर उसमें थोड़ा सा नमक और राई मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण को घर के किसी गुप्त स्थान पर रख देवें। होलिका दहन वाले दिन किया गया यह उपाय सभी समस्याओं का अंत करेगा।
3- अगर घर का कोई सदस्य बीमार रहता है, तो होलिका दहन की राख को घर ले आएं। इसके बाद इस राख को अगली पूर्णिमा तक बीमार सदस्य के माथे पर टीके के रूप में प्रतिदिन लगावें। आपका यह छोटा सा उपाय बीमार सदस्य को ठीक करने में मददगार साबित हो सकता है।
4- अगर लंबे समय से धंधा नहीं चल रहा है, तो आप होलिका दहन की राख की पोटली बना लें। इसके बाद इसे दुकान के मुख्य द्वार पर लटका देवें।
5- नजर दोष से बचने के लिए पीड़ित व्यक्ति के सर से 7 बार होलिका दहन की राख को उतार को चौराहे पर फेंक देवें। ध्यान रहें कोई देख न पाएं।
6- अगर आप नवग्रहों के दुष्प्रभाव से परेशान चल रहे है, तो होलिका दहन की राख आपके लिए कारगर रहेगी। आप ऐसा करें प्रतिदिन इस राख में से थोड़ी-थोड़ी नहाने के पानी में इस्तेमाल करें। ऐसा करने पर आपके जीवन में चल रही मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियों का अंत होने लगेगा।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
  • Click to share on X (Opens in new window) X

Like this:

Like Loading...

Related Posts

फिगर मेंटेन और लैविश लाइफ की बीमारी, सनातनी वंश एवं राष्ट्र दोनों के लिए घातक – दिव्य अग्रवाल
Article

फिगर मेंटेन और लैविश लाइफ की बीमारी, सनातनी वंश एवं राष्ट्र दोनों के लिए घातक – दिव्य अग्रवाल

July 15, 2025
50 years of Emergency : Those dark days should never return
Article

50 years of Emergency : Those dark days should never return

June 24, 2025
संविधान की हत्या के पचास वर्ष / 4 टूट सकते हैं मगर हम…
Article

संविधान की हत्या के पचास वर्ष / 4 टूट सकते हैं मगर हम…

June 25, 2025
डॉ. इन्द्रेश कुमार जी, हिमालय सा विराट व्यक्तित्व
Article

डॉ. इन्द्रेश कुमार जी, हिमालय सा विराट व्यक्तित्व

June 8, 2025
Chhatrapati Shivaji Maharaj
Article

“जाणता राजा”: छत्रपति शिवाजी महाराज के हिन्दवी स्वराज्य की गौरवगाथा

June 8, 2025
दुष्प्रचार के शिकार वीर सावरकर
Article

दुष्प्रचार के शिकार वीर सावरकर

May 1, 2025
  • Trending
  • Comments
  • Latest
Prof. Gurvinder Pal Thami Appointed Medical Superintendent of Govt. Medical College & Hospital, Sector-32, Chandigarh

Prof. Gurvinder Pal Thami Appointed Medical Superintendent of Govt. Medical College & Hospital, Sector-32, Chandigarh

December 12, 2024
“स्वादिष्ट तरीके से रक्त शर्करा (डायबिटिक) को नियंत्रित करें अपनी प्लेट में मशरूम शामिल करें “

“स्वादिष्ट तरीके से रक्त शर्करा (डायबिटिक) को नियंत्रित करें अपनी प्लेट में मशरूम शामिल करें “

December 6, 2024
उत्तर भारत में आम के फूल खिलने से पूर्व एवं खिलने के दौरान की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

उत्तर भारत में आम के फूल खिलने से पूर्व एवं खिलने के दौरान की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

December 6, 2024
“औषधीय मशरूम की दुनिया -स्वास्थ्य लाभों का खजाना”

“औषधीय मशरूम की दुनिया -स्वास्थ्य लाभों का खजाना”

December 6, 2024
Donald Trump says he will meet with Indian Prime Minister Narendra Modi

Donald Trump says he will meet with Indian Prime Minister Narendra Modi

0
University of Melbourne has opened a centre in Delhi

University of Melbourne has opened a centre in Delhi

0
लेबनान में एक साथ एक हजार से ज्यादा पेजर्स में हुआ धमाका

लेबनान में एक साथ एक हजार से ज्यादा पेजर्स में हुआ धमाका

0
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

0
‘पास्कल ट्रँगल’ नही, ‘मेरु प्रस्तर’ !

‘पास्कल ट्रँगल’ नही, ‘मेरु प्रस्तर’ !

July 17, 2025
हरेला पर्व पर कुमाऊं सभा चंडीगढ़ और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने चलाया पौधारोपण अभियान

हरेला पर्व पर कुमाऊं सभा चंडीगढ़ और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने चलाया पौधारोपण अभियान

July 17, 2025
Dr. Rupesh K. Singh Appointed Mentor under “Adopt a School” Scheme; Visits GMSSS Sector 21-A, Chandigarh

Dr. Rupesh K. Singh Appointed Mentor under “Adopt a School” Scheme; Visits GMSSS Sector 21-A, Chandigarh

July 16, 2025
भारतीय शिक्षण मंडल मालवा प्रांत इंदौर द्वारा “व्यास पूजन” कार्यक्रम का भव्य आयोजन

भारतीय शिक्षण मंडल मालवा प्रांत इंदौर द्वारा “व्यास पूजन” कार्यक्रम का भव्य आयोजन

July 15, 2025

Recent News

‘पास्कल ट्रँगल’ नही, ‘मेरु प्रस्तर’ !

‘पास्कल ट्रँगल’ नही, ‘मेरु प्रस्तर’ !

July 17, 2025
हरेला पर्व पर कुमाऊं सभा चंडीगढ़ और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने चलाया पौधारोपण अभियान

हरेला पर्व पर कुमाऊं सभा चंडीगढ़ और स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने चलाया पौधारोपण अभियान

July 17, 2025
Dr. Rupesh K. Singh Appointed Mentor under “Adopt a School” Scheme; Visits GMSSS Sector 21-A, Chandigarh

Dr. Rupesh K. Singh Appointed Mentor under “Adopt a School” Scheme; Visits GMSSS Sector 21-A, Chandigarh

July 16, 2025
भारतीय शिक्षण मंडल मालवा प्रांत इंदौर द्वारा “व्यास पूजन” कार्यक्रम का भव्य आयोजन

भारतीय शिक्षण मंडल मालवा प्रांत इंदौर द्वारा “व्यास पूजन” कार्यक्रम का भव्य आयोजन

July 15, 2025
TheIndiaPost

© 2006 TheIndiaPost - Bharat Ki Awaz TheIndiaPost.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • Headline
  • Haryana
  • Health
  • Education
  • Article
  • Punjab
  • Chandigarh
  • Agriculture

© 2006 TheIndiaPost - Bharat Ki Awaz TheIndiaPost.

%d