बंग भवन में बोधन, आमंत्रण और ढाक-ढोल के साथ हुई मां की पूजा

चण्डीगढ़ : सेक्टर-35 के बंग भवन में दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत महाषष्ठी के मौके पर हुई। बोधन, और आमंत्रण के साथ पुरोहित सुनील चैटर्जी ने पहले घाट की स्थापना की। फिर दुर्गा मां की पूर्जा-अर्चना कर अंजलि दी गई। पुरोहित सुनील चैटर्जी ने बताया कि षष्ठी को महाषष्ठी भी कहा जाता है। इस दिन बंगाली कम्युनिटी के लोग एक अलग ही अंदाज में दिखते हैं। पुराणों के मुताबिक इस दिन मां दुर्गा धरती पर आती हैं। ढाक-ढोल, शंखनाद के साथ उनका स्वागत किया जाता है। और इस दिन मां दुर्गा के चेहरे के चेहरे से पर्दा हटाया जाता है। बोधन, आमंत्रण के साथ स्वागत होता है। उसके बाद उली ध्वनि के साथ मां की पूजा शुरू होती है। अगले दिन सप्तमी से जोर शोर से पूजा की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद अष्टमी का दिन और इसमें होने वाली संधी पूजा खास अहमियत रखती है। सभी लोग इस पूजा का हिस्सा बनने के लिए दूरदराज से पहुंचते हैं।

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