मुंबई: केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा हर वर्ष औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 में इस मद में ₹2,55,160 तथा वर्ष 2022-23 (नवंबर तक) ₹2,00,626 खर्च किए गए हैं। अब तक लगभग ₹6.50 लाख रुपये औरंगजेब की कब्र की देखभाल पर खर्च किए जा चुके हैं।
शिवाजी महाराज के मंदिर को मात्र ₹250 मासिक सहायता
इसके विपरीत, महाराष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति के प्रतीक सिंधुदुर्ग किले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के एकमात्र मंदिर को महाराष्ट्र सरकार द्वारा केवल ₹250 मासिक सहायता दी जाती है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय मानी जा रही है। शिवाजी महाराज ने हिंदू धर्म, महाराष्ट्र संस्कृति और स्वराज्य की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया, फिर भी उनके मंदिर को इतनी कम आर्थिक सहायता मिल रही है।
हिंदू जनजागृति समिति की मांग
इस अन्याय के विरुद्ध हिंदू जनजागृति समिति के राज्य संघटक श्री सुनील घनवट ने कड़ा विरोध व्यक्त किया है। उन्होंने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता को तत्काल बंद किया जाए और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता घोषित की जाए।
हिंदू समाज करेगा आंदोलन
घनवट ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान नहीं देती है, तो हिंदू समाज इस अन्याय के खिलाफ तीव्र आंदोलन करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण न्यायसंगत और तर्कसंगत तरीके से किया जाए।
इस विषय पर सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की जा रही है, जबकि हिंदू संगठनों और समाज में इस भेदभावपूर्ण नीति को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।