नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025 : इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव श्री एस. कृष्णन ने राष्ट्रीय विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी मिशन (NAMPT) के तहत विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण हेतु कई उद्योगों के साथ TOT/MOA/MOU पर हस्ताक्षर की घोषणा की। यह समारोह इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों एवं उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
MeitY सचिव ने ऊर्जा इलेक्ट्रॉनिक्स में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने हेतु ऐसे प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।
मुख्य प्रौद्योगिकी समझौते:
ई-वाहनों के लिए वायरलेस चार्जर:
सी-डैक (तिरुवनंतपुरम) और वीएनआईटी नागपुर द्वारा विकसित 1.5 किलोवाट वायरलेस चार्जर को ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशन प्रा. लि. को हस्तांतरित किया गया। यह तकनीक 89.4% दक्षता पर कार्य करती है और 3 घंटे में बैटरी चार्ज कर सकती है।
भारतीय रेलवे के लिए स्वदेशी प्रोपल्शन प्रणाली:
सी-डैक, चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स और उद्योग भागीदारों (जैसे दौलतराम इंजीनियरिंग, जेएमवी एलपीएस) ने 3-चरण इलेक्ट्रिक इंजनों के लिए उच्च शक्ति ट्रैक्शन कन्वर्टर्स और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम पर साझेदारी की।
LVDC प्रणाली के लिए C-DAC और K-DISC के बीच समझौता:
48V लो वोल्टेज डीसी प्रणाली को केरल सरकार के प्रशासनिक भवन में सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जिससे 20-30% ऊर्जा की बचत संभव है। यह पहल भारत के Net-Zero 2070 लक्ष्य में योगदान करेगी।
NAMPT कार्यक्रम की विशेषताएं: NAMPT एक मिशन-मोड कार्यक्रम है जिसे C-DAC त्रिवेंद्रम द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह अनुसंधान, विकास और प्रौद्योगिकी के विपणन को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के अंतर्गत माइक्रोग्रिड, हरित ऊर्जा, ई-मोबिलिटी, स्मार्ट पावर क्वालिटी, और कृषि-औद्योगिक उपयोग हेतु पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।