उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बरेली में आयोजित 29वें उत्तरायणी मेले के दौरान घोषणा की कि राज्य में इस महीने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू की जाएगी। यह कदम उत्तराखंड को भारत के पहले राज्यों में शामिल करेगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।
संविधान और समान नागरिक संहिता
मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा:
“जब बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में अनुच्छेद 44 जोड़ा, तब उन्होंने प्रावधान किया था कि समान नागरिक संहिता सभी राज्यों और देश में लागू हो।”
मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को संविधान के मूल सिद्धांतों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 के लिए टीम रवाना
इससे पहले, मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून स्थित अपने कैंप कार्यालय से उत्तराखंड की टीम को राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह टीम नई दिल्ली में आयोजित युवा महोत्सव में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगी।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा:
“अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन करें और राज्य का नाम रोशन करें।”
समान नागरिक संहिता का महत्व
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म, जाति, या समुदाय कोई भी हो। उत्तराखंड में इस पहल को लागू करना देश के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श उदाहरण हो सकता है।
यह ऐतिहासिक घोषणा उत्तराखंड को न केवल सामाजिक समानता की दिशा में बल्कि संवैधानिक आदर्शों के कार्यान्वयन में भी एक अग्रणी राज्य बनाएगी।