प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को पंजाब में 6 लेन के जीरकपुर बाईपास के निर्माण को हरी झंडी दे दी है।
- लंबाई: 19.2 किलोमीटर
- निर्माण मॉडल: हाइब्रिड एन्युटी मोड (Hybrid Annuity Mode – HAM)
- शुरुआत: एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) जंक्शन
- अंत: एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) जंक्शन
परियोजना के लाभ:
- जीरकपुर और पंचकूला जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों को बाईपास करने की सुविधा
- पटियाला, दिल्ली और मोहाली एरोसिटी से ट्रैफिक को डायवर्ट कर हिमाचल प्रदेश से बेहतर कनेक्टिविटी
- एनएच-7, एनएच-5 और एनएच-152 जैसे व्यस्त राजमार्गों पर निर्बाध यातायात
- यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी
पृष्ठभूमि:
सरकार द्वारा चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक लोड कम करने हेतु सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। जीरकपुर बाईपास इस व्यापक योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
संबंधित परियोजना:
हाल ही में केंद्र सरकार ने बिहार में पटना से सासाराम तक 120 किलोमीटर लंबे पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर को भी मंजूरी दी है, जिसकी लागत ₹3,712.40 करोड़ है और इसे भी HAM मॉडल के तहत बनाया जाएगा।
क्या है HAM मॉडल?
हाइब्रिड एन्युटी मोड एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल है जिसमें:
- सरकार निर्माण लागत का 40% भुगतान करती है।
- शेष 60% लागत निजी डेवलपर द्वारा लोन या इक्विटी के जरिए जुटाई जाती है।
- वार्षिक किस्तों में भुगतान किया जाता है।
निष्कर्ष:
जीरकपुर बाईपास का निर्माण न केवल क्षेत्रीय यातायात को बेहतर बनाएगा, बल्कि पंजाब और हरियाणा के बीच सुगम संपर्क और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगा।
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