नोएडा, सेक्टर-12: हिंदू जनजागृति समिति द्वारा होली के पावन पर्व के संबंध में जनजागृति अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य होली एवं रंगपंचमी के अवसर पर होने वाली विकृतियों को रोकना और भारतीय संस्कृति की पवित्रता बनाए रखना था। समिति प्रतिवर्ष इस प्रकार के जागरूकता अभियानों का आयोजन करती है, जिससे सनातन परंपराओं की रक्षा की जा सके।
धर्म शिक्षा के अभाव में बढ़ रही विकृतियां
समिति के अनुसार, संविधान की धारा 28, 29 और 30 के अंतर्गत हिंदुओं को धर्म शिक्षा से वंचित रखा गया है, जिसके कारण हमारे त्योहारों में अनेक विकृतियां उत्पन्न हो गई हैं। होली का मूल उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, किंतु आधुनिक युग में यह केवल रंगों की होली और अनावश्यक उन्माद तक सीमित रह गई है।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
अभियान के दौरान बताया गया कि वर्तमान समय में होली जलाने के लिए कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक, पुराना फर्नीचर, रबर, और केमिकल युक्त पदार्थों का उपयोग किया जाता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है और धार्मिक स्थलों की शुद्धता भंग होती है। शास्त्रों के अनुसार, होली की रचना केवल शुद्ध सामग्री जैसे सूखी लकड़ियां, गोबर के उपले और सूखे वृक्षों की टहनियों से की जानी चाहिए, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।
समाज में बढ़ रही अव्यवस्था पर चिंता
नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में होली उत्सव के दौरान अशुद्धि, असंस्कारी आचरण, पर्यावरण प्रदूषण, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और सामाजिक अव्यवस्था जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। यह केवल हमारी संस्कृति और परंपरा को धूमिल नहीं करता, बल्कि समाज में अराजकता भी फैलाता है। समिति ने इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करने के लिए इस अभियान का आयोजन किया।
अभियान को मिला सकारात्मक प्रतिसाद
इस जनजागृति अभियान में समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी। अभियान के दौरान नागरिकों का प्रतिसाद उत्साहवर्धक रहा, और कई लोगों ने समिति के प्रयासों की सराहना की।
इस आयोजन के माध्यम से हिंदू जनजागृति समिति ने समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और सनातन परंपराओं की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करने का संकल्प लिया।