चंडीगढ़, 29 मई — पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सीनेट सदस्य एवं शहर के पूर्व मेयर देवेश मौदगिल ने विश्वविद्यालय के 867 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल देने में हो रही लंबी देरी पर एक बार फिर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस संबंध में पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को एक और पत्र लिखते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
मौदगिल ने बताया कि सत्र 2019-20 से लेकर 2023-24 तक के मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय ने प्रशासक के हस्तक्षेप के बाद 10 मई 2025 को एक विशेष समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी। लेकिन भारत-पाक सीमा पर उत्पन्न तनाव के चलते यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। अब जब हालात सामान्य हो चुके हैं और विश्वविद्यालय में अन्य गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल रही हैं, तब भी गोल्ड मेडल वितरण की नई तिथि की घोषणा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में कुछ अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले सात वर्षों से इस कार्यक्रम को जानबूझकर रोकने का प्रयास कर रहे हैं। मौदगिल ने कहा, “यह न केवल छात्रों के साथ अन्याय है, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के खिलाफ भी है। ऐसे अधिकारियों का रवैया अत्यंत निंदनीय है और मैं जल्द ही इस विषय को चांसलर और विश्वविद्यालय प्रशासन के उच्च स्तर पर उठाऊंगा ताकि दोषी व्यक्तियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।”
देवेश मौदगिल ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को तुरंत नई तिथि की घोषणा करनी चाहिए ताकि छात्रों का सम्मान सुनिश्चित हो सके। “ये छात्र हमारे विश्वविद्यालय की शान हैं और उनकी मेहनत और उपलब्धियों का सम्मान किया जाना नितांत आवश्यक है,” उन्होंने कहा।
मौदगिल का यह प्रयास उन सैकड़ों छात्रों और उनके परिवारों के लिए आशा की एक किरण बनकर सामने आया है, जो वर्षों से विश्वविद्यालय से अपने सम्मान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।