विदिशा – प्रख्यात शिक्षाविद् एवं डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, मऊ (म.प्र. शासन का एक राज्य विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति प्रो. दिनेश के. शर्मा को भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) का सदस्य नियुक्त किया गया है।
प्रो. दिनेश के. शर्मा को भारत सरकार में सदस्य के रूप में नियुक्ति ने न केवल शैक्षणिक जगत में गर्व की लहर दौड़ाई है, बल्कि उनके गृह नगर विदिशा में भी उत्साह और सम्मान का माहौल है।
स्थानीय लोगों ने प्रो. शर्मा की तुलना नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से करते हुए कहा, “शर्मा जी भी सत्यार्थी जी की तरह विदिशा का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रहे हैं।” बता दें नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी उनके चाचा हैं।
शर्मा जी के साथ पढ़ चुके एक साथी ने बताया, “वे बचपन से ही अत्यंत मेहनती और समर्पित थे। एक साधारण स्कूल से निकलकर उन्होंने जो ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं, वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उनकी उपलब्धियाँ हमारे लिए गर्व का विषय हैं।”
सामान्य पृष्ठभूमि से निकलकर देश के महत्वपूर्ण मंत्रालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना न केवल प्रो. शर्मा की मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह युवाओं के लिए एक उदाहरण भी है कि समर्पण और संघर्ष से कोई भी शिखर हासिल किया जा सकता है।
MoEFCC केंद्र सरकार की प्रमुख नोडल एजेंसी है, जो भारत की पर्यावरणीय एवं वन संबंधी नीतियों और कार्यक्रमों की योजना बनाने, उन्हें बढ़ावा देने, समन्वय करने और उनके क्रियान्वयन की निगरानी करने का कार्य करती है। इस प्रतिष्ठित निकाय में प्रो. शर्मा की नियुक्ति उनके पर्यावरण अनुसंधान, नीति-निर्माण और सतत विकास के क्षेत्र में दीर्घकालिक योगदान का प्रमाण है।
40 वर्षों से अधिक के शैक्षणिक एवं नेतृत्व अनुभव के साथ, प्रो. शर्मा को उनकी दूरदर्शी सोच, परिणामोन्मुखी नेतृत्व शैली और शिक्षा, अनुसंधान एवं समाजसेवा के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है।
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुलपति एवं कुलसचिव जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया और जिन संस्थानों का नेतृत्व किया, वहां शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान संरचना और सामुदायिक जुड़ाव को नए आयाम दिए। उनके नेतृत्व में संस्थानों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की।
पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में प्रो. शर्मा एक प्रखर शोधकर्ता रहे हैं। उन्होंने जीवन विज्ञान, विशेष रूप से नदी एवं जल प्रदूषण विषय पर उल्लेखनीय शोध किया है। उनकी शोध-पत्रिकाएं प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हुई हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शोध समुदाय के साथ व्यापक सहयोग किया है।
अपनी नवीनतम नियुक्ति के अतिरिक्त, प्रो. शर्मा ने अनेक प्रतिष्ठित समितियों एवं संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई है, जिनमें शामिल हैं:
- सदस्य, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC), भारत सरकार
- गवर्निंग बॉडी सदस्य, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
- यूजीसी पर्यवेक्षक, भारत के विभिन्न राज्यों में
- सदस्य, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC)
- आजीवन सदस्य, जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया
- सदस्य, पाठ्यक्रम समिति, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (1987–2004)
- सदस्य, परीक्षा समिति, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (2006–2012)
- योगदानकर्ता, NAAC मूल्यांकन एवं प्रत्यायन समितियाँ
प्रो. शर्मा को नवाचार, समावेशिता और अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। उनके नेतृत्व में भारत की शैक्षणिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में निरंतर सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं और वे संस्थानों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।