नई दिल्ली, सोमवार: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति ने भारत की वैश्विक छवि को एक नए रूप में स्थापित किया है। पहले जहां भारत की नीति प्रतिक्रिया देने वाली थी, वहीं अब यह आत्मविश्वासी, रणनीतिक और सशक्त बन चुकी है।
वे सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की कूटनीतिक स्थिति ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूती दी है, बल्कि वैश्विक प्रभाव को भी बढ़ाया है।
जयशंकर ने कहा कि पहले की सरकारें आतंकी खतरों के बावजूद संवाद को प्राथमिकता देती थीं, लेकिन वर्तमान सरकार की नीति “कूटनीतिक मजबूती और सैन्य दृढ़ता” पर आधारित है, जिससे भारत अपने हितों की रक्षा बेहतर ढंग से कर पा रहा है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर सफलता बताया और कहा कि इस मिशन में 190 से अधिक देशों का समर्थन भारत को मिला, जो वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ी हुई साख का प्रमाण है।
जयशंकर ने पीएम मोदी की विदेश नीति को एक समग्र रणनीति करार दिया जिसमें आर्थिक कूटनीति, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक संपर्क को सम्मिलित किया गया है। भारत के अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों के साथ मजबूत होते संबंधों को उन्होंने इसका उदाहरण बताया।
मल्टीलेटरल (बहुपक्षीय) मंचों पर भारत की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने BRICS और मालदीव को उदाहरण स्वरूप पेश किया। उन्होंने बताया कि UPA सरकार के दौरान जब भारत-मालदीव संबंध कमजोर पड़ गए थे, अब मालदीव ने पीएम मोदी को स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया और भारत वहां दो हवाई अड्डे बना रहा है। BRICS देशों—जिनमें चीन और रूस भी शामिल हैं—द्वारा पहलगाम आतंकी हमले की निंदा को उन्होंने कूटनीतिक जीत बताया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब भारत केवल बयानबाज़ी नहीं करता, बल्कि सबूतों के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कार्रवाई और जवाबदेही की मांग करता है, खासकर पाकिस्तान से।
विदेश मंत्री ने पीएम मोदी के आर्थिक कूटनीति के दृष्टिकोण की भी सराहना की और कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस जैसी पहलें विदेशी निवेश बढ़ा रही हैं, जिससे भारत दुनिया की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ है।
उन्होंने पीएम मोदी की प्रवासी भारतीयों के प्रति सक्रिय नीति को भी ‘सॉफ्ट पावर’ के रूप में प्रभावशाली बताया और कहा कि इससे दुनियाभर में goodwill और भारत के प्रति जुड़ाव बढ़ा है।
जयशंकर ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैक्सीन कूटनीति को भी उदाहरण बताते हुए कहा कि यह मोदी सरकार की दूरदर्शी और मानवीय विदेश नीति का हिस्सा रही है, जिसने भारत को एक उत्तरदायी वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया।


















