दिल्ली के लोग जल्द ही यमुना नदी पर फेरी सेवा का आनंद लेते हुए नजर आएंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली जल बोर्ड, और दिल्ली परिवहन निगम सहित दिल्ली सरकार की कई एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
क्रूज पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस समझौते का उद्देश्य सोनिया विहार और जगतपुर के बीच यमुना नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग 110) के चार किलोमीटर जलमार्ग पर क्रूज पर्यटन को विकसित करना और बढ़ावा देना है।
केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का बयान
इस अवसर पर केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत के जलमार्गों का एक परिवर्तनकारी पुनरुद्धार हुआ है। यमुना पर पर्यावरण-अनुकूल क्रूज पर्यटन की शुरुआत इस यात्रा की एक और उपलब्धि है, जो स्वच्छ, हरित और अधिक कुशल जलमार्गों का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
दिल्ली के पर्यटन परिदृश्य को नया रूप
इस परियोजना से न केवल जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यमुना के किनारे पर्यावरण-अनुकूल यात्रा अनुभव प्रदान कर दिल्ली के पर्यटन परिदृश्य को नया स्वरूप दिया जाएगा।
हाइब्रिड नावों की तैनाती
इस पहल के तहत पर्यावरण के अनुकूल क्रूज़ संचालन सुनिश्चित करने के लिए बिजली-सौर हाइब्रिड नावों को नदी क्रूज़ जहाजों के रूप में तैनात किया जाएगा। ये नावें 20-30 यात्रियों को ले जाने में सक्षम होंगी और इनमें बायो-टॉयलेट, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली और यात्रियों की सुरक्षा के लिए लाइफ़ जैकेट की सुविधा होगी। साथ ही, आईडब्ल्यूएआई सुचारू नौका संचालन के लिए दो एचडीपीई जेटी भी स्थापित करेगा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना नदी पर फेरी सेवा और क्रूज पर्यटन से दिल्लीवासियों को एक नया अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा, “आधुनिक सुविधाओं से लैस यह सेवा दिल्ली को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थल के रूप में स्थापित करेगी। हमारी सरकार यमुना जी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के अपने संकल्प पर अडिग है।”
भव्य यमुना आरती का आयोजन
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में गंगा जी की तर्ज पर दिव्य और भव्य यमुना आरती का आयोजन होगा, जहां हजारों लोग सनातन संस्कृति से जुड़ सकेंगे।
आर्थिक और पर्यावरणीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से जल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, दिल्ली के आर्थिक और पर्यावरणीय विकास को गति मिलेगी और साथ ही यमुना किनारे रहने वाले लोगों की आजीविका में भी सुधार होगा।