नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने भारतीय सेना और वायुसेना के जांबाज जवानों को दिए जाने वाले बहादुरी पुरस्कारों (Gallantry Citations) की सूची जारी कर दी है। यह पुरस्कार उन सैनिकों को प्रदान किए गए हैं जिन्होंने विभिन्न अभियानों—खासकर हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर—में असाधारण साहस, नेतृत्व और युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पहले ही 127 बहादुरी पुरस्कार और 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कार को मंजूरी दी जा चुकी थी। इनमें शामिल हैं:
- 4 कीर्ति चक्र
- 15 वीर चक्र
- 16 शौर्य चक्र
- 2 बार टू सेना मेडल (गैलेंट्री)
- 58 सेना मेडल (गैलेंट्री)
- 6 नौसेना मेडल
- 26 वायुसेना मेडल
- 7 सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल
- 9 उत्तम युद्ध सेवा मेडल
- 24 युद्ध सेवा मेडल
इसके अलावा, 290 “मेंशन-इन-डिस्पैच” भी जारी किए गए हैं, जिनमें 115 सेना, 5 नौसेना, 167 वायुसेना और 3 बॉर्डर रोड्स डेवलपमेंट बोर्ड (BRDB) के कर्मी शामिल हैं।
वीर चक्र से सम्मानित प्रमुख अधिकारी:
- कर्नल कोशांक लांबा (302 मीडियम रेजिमेंट) को विशेष उपकरण बैटरी की त्वरित हवाई तैनाती (air mobilisation) को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- लेफ्टिनेंट कर्नल सुषील बिष्ट (1988 इंडिपेंडेंट मीडियम बैटरी) को आतंकवादी शिविरों के खिलाफ अभियान में असाधारण नेतृत्व और साहस के लिए वीर चक्र मिला।
- ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिद्धू को स्क्वाड्रन का नेतृत्व करते हुए दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले के लिए सम्मानित किया गया।
- ग्रुप कैप्टन अनीमेश पत्नी को मिसाइल स्क्वाड्रन की कमान संभालते हुए दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाने और संसाधनों की रक्षा करने पर वीर चक्र प्रदान किया गया।
- स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक को दुश्मन के क्षेत्र में आधी रात के खतरनाक मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने पर वीर चक्र मिला।
- स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह को तीन विमानों की दल के साथ सटीक हमले का नेतृत्व करने पर वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
सरकारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने अद्वितीय साहस, पहल और सैन्य नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। यह भारत की सशस्त्र सेनाओं की राष्ट्रीय सुरक्षा और उच्च स्तर की तत्परता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

















